हेलो दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम बात करने वाले है ISRO के बारे में। आप सभी जानते ही होंगे की ISRO हमारे देश के लिए कितने काम करता है। सही मायने में कहा जाये तो ISRO देश की ताकत है। ISRO को Indian Space Research Organisation के नाम से जाना जाता है। जितने भी आज तक स्पेस के बारे में रिसर्च की गयी है उसमे Indian Space Research Organisation का बहुत बड़ा योगदान है। आज हम आपको इसके बारे में सारी जानकारी देंगे। ये आपके लिए बहुत ज़रूरी है आप इसे अपने Friends के साथ भी Share कर सकते है।
पर अभी भी उसे अंतरिक्ष में सैटेलाइट Launch करने के लिए अन्य देशों से मदद लेनी पड़ती थी। लेकिन 1980 में अपना खुद का सैटेलाइट बनाकर इसे स्पेस में सफलतम प्रयास के साथ Launch कर दिया गया। मंगलयान की शुरुआत अंतरिक्ष के इतिहास में भारत के लिए सबसे गौरवशाली रहा है।
मंगलयान के पहले ही प्रयास में ISRO (Indian Space Research Organisation) सफल रहा था। और पहले प्रयास में ही मंगल तक पहुँचने वाला पहला देश भारत है। 5 नवंबर 2013 को मंगलयान Launch किया गया था। जो 6660 लाख किलोमीटर की यात्रा करके 24 सितम्बर 2014 को सफलता के साथ मंगल गृह में प्रवेश कर गया था। भारत ने अपना खुद का Gps System स्थापित करने के लिए अप्रैल 2016 में सफलता के साथ अपने Gps Satellite NAVIC (Navigation With Indian Constellation) Launch किया।
ISRO ने 15 फरवरी 2017 को PSLV-C37 के द्वारा 104 सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया। और सबसे ज्यादा सैटेलाइट Launch करने का World Record बना दिया और भारत का नाम ऊँचा किया है।
इसमें से PSLV का प्रयोग छोटे तथा हल्के रॉकेट को छोड़ने के लिए किया जाता है। PSLV के द्वारा 70 से भी ज्यादा उपग्रह अब तक छोड़े गए है। GSLV का प्रयोग भारी Satellites को छोड़ने के लिए किया जाता है। जो पृथ्वी से 36 हजार किलोमीटर की ऊँचाई पर होते है। भारत में ISRO के 40 से अधिक केंद्र है। इसमें 17 हजार वैज्ञानिक काम करते है।
चंद्रयान – 1 अभियान के अंतर्गत ISRO ने मानवरहित यान को रिसर्च करने के लिए चाँद पर भेजा था। लेकिन चंद्रयान – 1 ने सिर्फ 10 महीने तक ही काम किया। और इन 10 Months में ही चंद्रयान- 1 ने अपना काम पूरा कर लिया था। चंद्रयान – 1 की वजह से ही India ने चाँद पर पानी की खोज की। और भारत चाँद पर पानी खोजने वाला पहला देश बन गया। चंद्रयान – 1 की Success के बाद 2018 में ISRO की एक और योजना है, चाँद पर एक और मिशन भेजने की।
अब आपको बता दे की की भारत ने भारत ने चंद्रयान-2 को 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा रेंज से भारतीय समयानुसार 02:43 अपराह्न को सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया।
![]() |
Indian Space Research Organisation ISRO |
Indian Space Research Organisation - भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO)
ISRO की स्थापना विक्रम साराभाई ने की। इसलिए इन्हें ISRO का जनक भी कहा जाता है। ISRO को अंतरिक्ष विभाग के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। ISRO (Indian Space Research Organisation) ने पहला उपग्रह 19 अप्रैल 1975 को Launch किया था। जिसका नाम आर्यभट्ट था। सन 1979 तक ISRO अपने पूर्ण स्वदेशी सैटेलाइट बनाने में तो कामयाब रहा।पर अभी भी उसे अंतरिक्ष में सैटेलाइट Launch करने के लिए अन्य देशों से मदद लेनी पड़ती थी। लेकिन 1980 में अपना खुद का सैटेलाइट बनाकर इसे स्पेस में सफलतम प्रयास के साथ Launch कर दिया गया। मंगलयान की शुरुआत अंतरिक्ष के इतिहास में भारत के लिए सबसे गौरवशाली रहा है।
मंगलयान के पहले ही प्रयास में ISRO (Indian Space Research Organisation) सफल रहा था। और पहले प्रयास में ही मंगल तक पहुँचने वाला पहला देश भारत है। 5 नवंबर 2013 को मंगलयान Launch किया गया था। जो 6660 लाख किलोमीटर की यात्रा करके 24 सितम्बर 2014 को सफलता के साथ मंगल गृह में प्रवेश कर गया था। भारत ने अपना खुद का Gps System स्थापित करने के लिए अप्रैल 2016 में सफलता के साथ अपने Gps Satellite NAVIC (Navigation With Indian Constellation) Launch किया।
![]() |
Indian Space Research Organisation ISRO |
ISRO ने 15 फरवरी 2017 को PSLV-C37 के द्वारा 104 सैटेलाइट को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया। और सबसे ज्यादा सैटेलाइट Launch करने का World Record बना दिया और भारत का नाम ऊँचा किया है।
ISRO Full Form
INDIAN SPACE RESEARCH ORGANIZATION (भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन)इसरो की स्थापना कब और किसने की
ISRO की स्थापना 15 अगस्त 1969 को की गई थी। ISRO (Indian Space Research Organisation) की स्थापना डॉक्टर विक्रम साराभाई द्वारा 1969 में की गई थी।ISRO के वर्तमान अध्यक्ष कौन है
के सीवान को सरकार ने भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन का अध्यक्ष नियुक्त किया है। जिनकी नियुक्ति 12 जनवरी 2015 को की गई थी। वर्तमान में के सीवान भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन के अध्यक्ष है।ISRO क्या है ?
ISRO (Indian Space Research Organisation) का प्रमुख काम भारत को अंतरिक्ष से सम्बन्धित तकनीक को उपलब्ध करवाना है, ISRO द्वारा किये गए कार्यो में Launch Vehicles तथा Rockets का विकास करना शामिल है। रॉकेट उस यान को कहते है जिससे उपग्रह को छोड़ते है, ISRO के पास 2 मुख्य रॉकेट्स है PSLV (Polar Satellite Launch Vehicle) और GSLV (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle)![]() |
Indian Space Research Organisation ISRO |
इसमें से PSLV का प्रयोग छोटे तथा हल्के रॉकेट को छोड़ने के लिए किया जाता है। PSLV के द्वारा 70 से भी ज्यादा उपग्रह अब तक छोड़े गए है। GSLV का प्रयोग भारी Satellites को छोड़ने के लिए किया जाता है। जो पृथ्वी से 36 हजार किलोमीटर की ऊँचाई पर होते है। भारत में ISRO के 40 से अधिक केंद्र है। इसमें 17 हजार वैज्ञानिक काम करते है।
चंद्रयान – 1 अभियान के अंतर्गत ISRO ने मानवरहित यान को रिसर्च करने के लिए चाँद पर भेजा था। लेकिन चंद्रयान – 1 ने सिर्फ 10 महीने तक ही काम किया। और इन 10 Months में ही चंद्रयान- 1 ने अपना काम पूरा कर लिया था। चंद्रयान – 1 की वजह से ही India ने चाँद पर पानी की खोज की। और भारत चाँद पर पानी खोजने वाला पहला देश बन गया। चंद्रयान – 1 की Success के बाद 2018 में ISRO की एक और योजना है, चाँद पर एक और मिशन भेजने की।
अब आपको बता दे की की भारत ने भारत ने चंद्रयान-2 को 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा रेंज से भारतीय समयानुसार 02:43 अपराह्न को सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया।
No comments: